योग का अर्थ है जुडना । नियमित योग करके हम अच्छे स्वास्थ्य और स्वस्थ मन से जुड़ते हैं । योग से जुड़ने की सोच और नजरिया आम लोगों से अलग होता है । उनके शरीर के हाव भाव दर्शाते हैं कि वे संयमित जीवन जीते हैं । योग कोई नई फिलाॅसफी नहीं है बल्कि युगों युगों से चलती आई प्राचीन भारतीय जीवन शैली है । योग हमारे तन-मन को किस प्रकार स्वस्थ रखता है नियमित योग हमारे स्नायुमंडल (तंत्रिका तंत्रा) पर काबू रखता है । आमाशय और हार्मोंस ग्रंथियां ठीक से काम करती हैं । उच्च रक्तचाप, पल्स रेट और रेस्पिरेटरी सिस्टम को काबू में रखता है । शरीर में उर्जा का संचार करता है । अनिद्रा की समस्या को ठीक करता है । रोग प्रतिरोधक क्षमता और सहनशक्ति को बढ़ाता है । हमारे मूढ को ठीक रखता है । हमारी सोच का सही दिशा में चैनेलाईज करता है । यादशात और एकाग्रता को बढ़ाता है । सीखने की क्षमता बढ़ती है । कोलेस्ट्रोल लेवल को कम करता है । रक्त की कमी को दूर करता है ।

योग हमें अनुशासन में रहना सिखाता है । हमारा वजन नियन्त्राण में रहता है । हृदय के काम करने की क्षमता बढ़ती है । हाल में हुए शोध में देखने में आया है कि जो व्यक्ति अधिकांश समय तनाव में रहते हैं उन्हें हृदय संबंधी रोग होने का चातरा अधिक होता है । विशेषज्ञों की मानें तो हृदय संबंधी रोगों में मनोवैज्ञानिक कारण प्रमुख होते हैं । अधिक तनाव के कारण रक्त नलिकाओं के बगल में ’प्लेक्सस’ नामक द्रव की मात्रा बढ़ने लगती है । जिसके कारण धमनियों में अवरोध आ जाता है । और हृदय से संबंधित रोग पैदा होने का खतरा बढ़ जाता है । अवसाद न केवल हृदय रोगों का ही जनक है बल्कि इससे कई अन्य गंभीर रोग भी पनपते हैं । इसलिए अवसाद से बचना चाहिए तथा नियमित योग करने की आदत डालनी चाहिए ।
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