24
May
केवल एक ही चीज़ ऐसी है , जो इंसान को उसके लक्ष्य तक पहुँचने से रोक सकती है । वह है उसके दो कानों के बीच स्थित तक़रीबन डेढ़ किलो का उसका मस्तिष्क । यदि यह मस्तिष्क संशयों के सुरों को छेड़ दे , तो कोई भी हमें जीत नहीं दिला सकता । वहीं यदि हमारा यह मस्तिष्क विश्वास का शंखनाद कर दे , तो कोई भी हमें हरा नहीं सकता । इसलिए हम अपने विचारों को सकारात्मकता , ऊर्जा , उत्साह , आशा , विश्वास से प्रकाशित करते रहें ! क्योंकि एक पशु चाहे कितने भी प्रयास कर ले , पर वह पशु ही मरता है लेकिन मानव विचारों में शुद्धता व ऊँचाई लाकर महामानव बन सकता है । इसलिये मनुष्य को जीवन भर अच्छे विचारों और शुभ संकल्पों के साथ जीना चाहिए।
Give a Reply